यह मंच है विज्ञान का, यहाँ होगा विज्ञान का संवाद और संचार ब्लॉग के जरिये और होगीं विज्ञान और टेक्नोलॉजी की बातें, जन जन के लिए, आम और खास के लिए भी! आप सभी का स्वागत है!
जुड़ने के लिए संपर्क करे +91 9838659380 (सलीम ख़ान)
News Update :

Saleem Khan

Saleem Khan
Founder
New Arrived »
Bagikan kepada teman!

पानी दा रंग वेख के, अखियाँ चो हंजू रुल दे... Save Water


यह सन 2070 है!

मैं पचास वर्ष का हो चुका हूँ, लेकिन मुझे देख कर जैसे लगता है कि मैं 85 का हूँ! मुझे किडनी की बिमारी है क्यूंकि मझे पीने के लिए पर्याप्य पानी नहीं मिलता है. मुझे भय है कि मैं अब ज़्यादा समय तक ज़िन्दा नहीं रह पाउँगा. मैं अपने सोसाईटी के सबसे बूढ़े व्यक्तियों में से एक हूँ.

मुझे याद है जब मैं मात्र 5 वर्ष का था. उस वक़्त सबकुछ कितना बदला हुआ था. कितना मनोहर था. उस ज़माने में कितने सारे पार्क हुआ करते थे, घर में खुबसूरत बागीचा हुआ करता था...और... और मैं आधे-आधे घंटे तक फौहारे (shower) में नहाता रहता था. आज कल हम लोग अपने शरीर की त्वचा को स्वच्छ करने के लिए 'मिनरल तौलिया' का प्रयोग करते हैं.

पहले औरतों व लड़कियों के ख़ूबसूरत और लम्बे-लम्बे बाल हुआ करते थे लेकिन अब उन्हें सिर को साफ़ और स्वच्छ रखने के लिए बिना पानी के ही मुंडाना (shave) पड़ता है.

तब मेरे पिताजी हमारी कार को हौज़पाइप के पानी से धोते और साफ़ करते थे लेकिन अब मेरा बेटा इन बातों पर विश्वाश ही नहीं करता है कि पानी इतना व्यर्थ भी किया जाता होगा!

मुझे याद है उस वक़्त पानी बचाएं (SAVE WATER) की चेतावनी पोस्टर्स, रेडियो, टीवी पर हम लोगों को दी जाती थीं. अब सारी की सारी नदियाँ, झीलें, बाँध और ज़मीन के अन्दर का पानी या तो सूख चुका है या फ़िर दूषित हो चुका है.

उद्योग लगभग ठप हो चुका है और बेरोजगारी अपने भयानक नाटकीय अनुपात में पहुँच चुकी है और वर्तमान काल में रोज़गार का मुख्य स्रोत सिर्फ़ 'अलवणीकरण संयंत्र रोजगार' ही है और वेतन के रूप में पीने-योग्य पानी ही मिलता है.

एक गैलन पानी के लिए सडकों पर  आपस में गोलियां चलना अब आम बात हो चुकी है. खाद्य-पदार्थ अब 80% कृत्रिम (synthetic) हैं.
मुझे याद है पहले एक दिन में एक व्यस्क व्यक्ति को कम से कम 8 गिलास पानी पीने के लिए सलाह दी जाती थी औरआजकल हमें एक दिन में मात्र आधा गिलास पानी ही पीने को मिल पाता हैहमें पहनने के लिए disposable कपड़े मिलते हैं जिसके कारण कूड़े की मात्रा अपने चरम सीमा पर पहुँच चुकी है. अब हम सेप्टिक टैंक प्रयोग कर रहे हैं क्योंकि सीवरेज प्रणाली को पानी की कमी के कारण प्रयोग नहीं किया जाता है.

जनसँख्या की स्थिति अपने भयावह स्थिति पर पहुच चुकी है. हम लोगों का शरीर देख कर रोयें काँप उठते हैं. शरीर झुर्रियों से परिपूर्ण! निर्जलीकरण के कारण हमारे शरीर सूखे हुए है! ओजोन परत के संरक्षित न रहने के कारण  अल्ट्रा वायलेट विकिरण से घावों से भरा हुआ शरीर! वर्तमान में मृत्यु का मुख्य कारण त्वचा कैंसर, जठरांत्र संबंधी संक्रमण और मूत्र रोग होते हैं.

त्वचा के अत्यधिक रूप से सूखने की वजह से 20 वर्ष का युवा 40 वर्ष का नज़र आता है. वैज्ञानिक इन सब समस्याओं का समाधान ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अभी तक उन्हें कोई सफलता हाथ नहीं लगी.

पानी को पैदा नहीं किया जा सकता है और ऑक्सीजन भी पेड़ों और वनस्पति की कमी की वजह से कम होती जा रही है. नई पीढ़ी की बौद्धिक क्षमता गंभीर रूप से प्रभावित हो चुकी है. पुरुषों में शुक्राणुओं की संरच भी बुरी तरह प्रभावित हुई है जिसके परिणामस्वरूप बच्चे शारीरिक विकृति के साथ पैदा होते हैं.
"सरकार से हमें सांस लेने योग्य हवा ख़रीदनी पड़ती है और जो लोग इसका भुगतान नहीं कर पाते हैं उन्हें 'हवादार क्षेत्र' से निष्काषित कर दिया जाता है. हवादार संयत्र, सौर ऊर्जा से संचालित एक बहुत विशाल यांत्रिक फेफड़े होते हैं. हवा की गुणवत्ता बिलकुल भी अच्छी नहीं लेकिन कम से कम लोग सांस तो ले सकते हैं."
औसतन लोग 35 वर्ष तक का जीवन ही जी पाते हैं.

कुछ देश या क्षेत्र जो अभी भी थोड़े बहुत हरे भरे हैं और नदियाँ हैं, वह भारी संख्या में सैनिकों द्वारा संरक्षित हैं, और वहां इतनी सुरक्षा है जहाँ परिंदा भी पर नहीं मार सकता है. सोना और हीरे से भी अधिक क़ीमती पानी, एक बहुत ही प्रतिष्ठित खजाना बन गया है.

जहाँ मैं रहता हूँ वहाँ बारिश की कमी के कारण एक भी पेड़ नहीं है और जब वर्षा होती भी है तो वह सामान्य न होकर अम्ल वर्षा होती हैभीषण परमाणु परिक्षण और 20वीं सदी के उद्योगों के कचरे और प्रदुषण से मौसम गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैंहम लोगों को पर्यावरण सम्बन्धी चेतावनियाँ दी जाती थीं लेकिन किसी ने भी उस पर ध्यान ही नहीं दिया.

अपने बेटे को जब मैं अपनी जवानी के बारे में बताता हूँ कि उस वक़्त कितनी हरियाली थी, सुन्दर सुन्दर फूल थे, नदियाँ थी जिनमें हम तैरते थे, मछलियाँ पकड़ते थे, कितने स्वस्थ रहते थे, कितनी सुन्दर बारिश होती थी... तो उसे मेरी बातों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं होता है.

वह मुझसे पूछता है कि- ऐसा कैसे हो गयाक्यूँ अब पानी नहीं है??

तब मेरा गला भर्रा उठता है और मैं जवाब-विहीन हो जाता हूँ.
मुझे शर्म महसूस होती है कि मैं उस पीढ़ी से वाबस्ता हूँ जिसके खाते में बस चेतावनी ही चेतावनी  हैं व जिसने इस भयानक विनाश में योगदान दिया है, जिसकी भारी क़ीमत हमारे बच्चे चुका रहें हैं. अब मुझे पूरा विश्वास हो गया है कि पृथ्वी पर जीवन अब कुछ ही समय तक रहेगा क्यूंकि प्राकृतिक विनाश अब अपने अपरिवर्तनीय स्वरुप में हैं.

अब मैं लोगों को समझाने के लिए कैसे वापस जा सकता हूँ!!!???...

कैसे???

कैसे???


अभी भी वक़्त है हम संभल जाएँशुक्र है, हमारे पास अभी भी वक़्त है!!


हमारे पास अभी भी वक़्त है!!!
comments | | Read More...

सेहत मेरी हिट-हिट सोणिये, तो कैसी फिर खिट-पिट हिरिये! Tips For Better Sex.

हते हैं कि दांपत्य जीवन की आधारशिला एक अच्छी सेहत ही है। सेक्स और अच्छी सेहत का चोली-दामन  का साथ है। अगर इन्सान सेहतमंद है तो एक अच्छे सेक्स जीवन का मज़ा ले सकता है। रोज़ाना कसरत करके या योगा करके या रोजाना नमाज़ को कायम करके भी अपनी सेहत को तो बेहतर और फिट रखा जा सकता है साथ ही सेक्स को भी हिट रखा जा सकता है। सेक्स के लिए दवाइयां आपको कुछ समय के लिए तो मदद कर सकती हैं, लेकिन लंबे समय के लिए आपको सेक्स का आनंद उठाना है तो हमारी कुछ टिप्स आपकी सेक्स लाइफ के लिए कारगर साबित हो सकती हैं।

तो आईये जाने कैसे सेहत को फिट और सेक्स को हिट बनाया जाए: 

यौगिक आहार: शरीर को सक्रिय बनाए रखने के लिए उचित आहार जरूरी है। यदि आप कुछ तो भी खाएंगे तो आपका शरीर बेडौल होने लगेगा, जिससे कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। वात, पित्त और कफ का संतुलन बनाए रखने के लिए यौगिक आहार जरूरी है।

योगा: सेक्स करते समय मस्तिष्क में किसी तरह का तनाव नहीं होना चाहिए अन्यथा व्यक्ति शीघ्र पतन जैसी समस्या से ग्रस्त हो जाता है। योग तनाव को दूर करता है साथ ही यह महिलाओं के मासिक धर्म से जुड़े विकारों को दूर करता है।

नमाज़: यदि आप नमाज़ के पाबंद हैं तो ये जान लीजिये कि आपकी सेहत पर यकीनन कोई डाका नहीं डाल सकता। नमाज़ में है सेहत का राज़ इसको इस तरह से भी समझा जा सकता है कि जो व्यक्ति रोज़ाना 5 बार नमाज़ क़ायम करता है वह योगा से लगभग 12% से 15% ज्यादा कसरत करता है।

मसाज : इससे आपका तन और मन दोनों ही प्रफुल्लित हो जाएंगे। चेहरे पर हलका-सा क्रीम या तेल लगाकर धीरे-धीरे उसकी मालिश करें। इसी तरह हाथों और पैरों की अंगुलियां, सिर, पैर, कंधे, कान, पिंडलियां, जंघाएं, पीठ और पेट की मालिश करें। शरीर के सभी अंगों को हलके-हलके दबाएं, जिससे रुकी हुई ऊर्जा मुक्त होकर उन अंगों के स्नायु में पहुंचे तथा रक्त का संचार सुचारु रूप से हो।

तो आपने जाना कि किस तरह से आप अपनी सेहत को फिट और सेक्स लाईफ को हिट बना सकते हैं!
comments (1) | | Read More...

क्या आपको सेक्सी सपने आते हैं? Wet Dreams, Nocturnal Emissions

मतौर पर किशोरावस्था में रात को सोते समय स्वप्न में सेक्सी विचारों की आमद होती है जिसके फलस्वरूप स्वपन दोष हो जाता है। स्वपन दोष के लिए एक हद तक हो सकता है कि किशोर की बुरी आदतें ज़िम्मेदार हो लेकिन यह पूर्ण सत्य नहीं है उसका सामाजिक परिवेश को भी इसका ज़िम्मेदार नहीं हो सकता बल्कि यह तो एक प्राकृतिक समस्या भर है जबकि इसे बीमारी समझते हैं हालाँकि ये कोई बीमारी नहीं है, हाँ! आप इसे समस्या कह सकते हैं और हर समस्या का हल होता है। 

तो आईये जाने कि इस प्राकृतिक समस्या का आसान हल क्या क्या है? 

स्वप्नदोष के लिए निम्न घरेलू टिप्स अपनाएं
  • अदरक रस 2 चम्मच, प्याज रस 3 चम्मच, शहद 2 चम्मच, गाय का घी 2 चम्मच, सबको मिलाकर सेवन करने से स्वप्नदोष तो ठीक होगा ही साथ मर्दाना ताकत भी बढ़ती है।
  • तुलसी की जड़ के टुकड़े को पीसकर पानी के साथ पीना लाभकारी होता है। अगर जड़ नहीं उपलब्ध हो तो तो बीज 2 चम्मच शाम के समय लें।
  • रात को एक लीटर पानी में त्रिफला चूर्ण भिगा दें सुबह मथकर महीन कपड़े से छानकर पी जाएं।
  • मुलहठी का चूर्ण आधा चम्मच और आक की छाल का चूर्ण एक चम्मच दूध के साथ लें।
  • क्या  लहसुन की दो कली कुचल कर निगल जाएं। थोड़ी देर बाद गाजर का रस पिएं।
  • नीम की पत्तियां नित्य चबाकर खाते रहने से स्वप्नदोष जड़ से गायब हो जाएगा।
  • आंवले का मुरब्बा रोज खाएं ऊपर से गाजर का रस पिएं।
  • काली तुलसी के पत्ते 10-12 रात में जल के साथ लें।

comments | | Read More...

भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव कौन है?

ह भी अजीब है कि कुछ चीज़ें कभी कभी हमें मालूम रखने के बावजूद नहीं मालूम होती है...  हमें अपने देश के राष्ट्रीय पशु, पक्षी, खेल आदि के बारे में पता है मगर ये नहीं पता कि देश का राष्ट्रीय जलीय पशु कौन है???? तो आईये जाने कुछ इस बारे में...

मीठे पानी की डॉलफिन भारत का राष्‍ट्रीय जलीय जीव है। यह स्‍तनधारी जंतु पवित्र गंगा की शुद्धता को भी प्रकट करता है, क्‍योंकि यह केवल शुद्ध और मीठे पानी में ही जीवित रह सकता है। प्‍लेटेनिस्‍टा गेंगेटिका नामक यह मछली लंबे नोकदार मुंह वाली होती है और इसके ऊपरी तथा निचले जबड़ों में दांत भी दिखाई देते हैं। इनकी आंखें लेंस रहित होती हैं और इसलिए ये केवल प्रकाश की दिशा का पता लगाने के साधन के रूप में कार्य करती हैं। डॉलफिन मछलियां सबस्‍ट्रेट की दिशा में एक पख के साथ तैरती हैं और श्रिम्‍प तथा छोटी मछलियों को निगलने के लिए गहराई में जाती हैं। डॉलफिन मछलियों का शरीर मोटी त्‍वचा और हल्‍के भूरे-स्‍लेटी त्‍वचा शल्‍कों से ढका होता है और कभी कभार इसमें गुलाबी रंग की आभा दिखाई देती है। इसके पख बड़े और पृष्‍ठ दिशा का पख तिकोना और कम विकसित होता है। इस स्‍तनधारी जंतु का माथा होता है जो सीधा खड़ा होता है और इसकी आंखें छोटी छोटी होती है। नदी में रहने वाली डॉलफिन मछलियां एकल रचनाएं है और मादा मछली नर मछली से बड़ी होती है। इन्‍हें स्‍थानीय तौर पर सुसु कहा जाता है क्‍योंकि यह सांस लेते समय ऐसी ही आवाज निकालती है। इस प्रजाति को भारत, नेपाल, भूटान और बंगलादेश की गंगा, मेघना और ब्रह्मपुत्र नदियों में तथा बंगलादेश की कर्णफूली नदी में देखा जा सकता है। 

दी में पाई जाने वाली डॉलफिन भारत की एक महत्‍वपूर्ण संकटापन्‍न प्रजाति है और इसलिए इसे वन्‍य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 में शामिल किया गया है। इस प्रजाति की संख्‍या में गिरावट के मुख्‍य कारण हैं अवैध शिकार और नदी के घटते प्रवाह, भारी तलछट, बेराज के निर्माण के कारण इनके अधिवास में गिरावट आती है और इस प्रजाति के लिए प्रवास में बाधा पैदा करते हैं।
comments | | Read More...
 
Design Template by panjz-online | Support by creating website | Powered by Blogger